मैं निशांत कुमार कंप्यूटर विज्ञान का छात्र हूँ और यहाँ विज्ञान पे कुछ लिखने का सोच रहा हूँ| आप सभी ब्लॉग पाठक सोच रहे होंगे एक तकनीक विज्ञान का छात्र मूल विज्ञान के बारे में क्या लिख सकता है, कहीं – न – कहीं से ये सत्य भी है कि हम तकनीकी ज्ञान लेकर विज्ञान का विश्लेषण सही तरीके से नही कर पाते, परन्तु यह सत्य पूर्णरूपेण सत्य नही है| असल में तकनीक और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं, जब हम किसी वस्तु विशेष के गुणों और दोषों को जानते हैं तो वह विज्ञान के अंतर्गत होता है और जब उन्हीं गुणों – दोषों का उपयोग कर मानव शुविधा के लिए किसी वस्तु का निर्माण करते हैं तो उसे हम तकनीकी ज्ञान कहते हैं|
तो यह बात तो साफ है, यदि विज्ञान नही होता तो तकनीकी ज्ञान जैसी किसी विषय का जन्म तक नही होता जैसे कि यह भी विज्ञान कि ही देन है, यही कारण होता है जब लोग विज्ञान चर्चा में तकनीकी ज्ञान को भी घसीट डालते हैं| और ये भी सत्य है, यदि सिर्फ विज्ञान ही होता तकनीकी ज्ञान नही तो फिर सारा विज्ञान का ज्ञान व्यर्थ ही होता क्यूंकि हम ये तो जानते कि इस तत्व के ये गुण – दोष क्या हैं परन्तु हम उनका उपयोग करने में सफल नही होते|
इसलिए मैंने उपरोक्त वाक्य में तकनीक विज्ञान कहा है और यह होना चाहिए या नही आईये इसपे थोड़ा विचार करते हैं| जैसा कि मैंने पहले कहा – मैं कंप्यूटर विज्ञान का छात्र हूँ तो मैं इसी कि बात करता हूँ|
वैसे आज – कल हमारे ज्ञान में विकाश के साथ – साथ हमारे सोच में भी विकाश हुए हैं जिससे आज हमें अपने विचारों को दूसरों के सामने रखने और उन्हें उनसे अवगत कराने में कठनाई नही होती, परन्तु बहुत से ऐसे भी हैं जिनके सोच का दायरा सिमित है, आज भी बहुत से लोगों (कम से कम १५%) के लिए एक कंप्यूटर अभियंता (Engineer) का मतलब सिर्फ कंप्यूटर चालक (Operator) से होता है| परन्तु उन्हें इसका ज्ञान नही कि मशीन को ऑटोमेटिक बनाने के लिए जो प्रोग्रामिंग और कोडिंग कि जाति है वो कंप्यूटर ( सिस्टम और सॉफ्टवेर ) अभियंता के द्वारा ही किया जाता है और इसके लिए उन्हें उस तत्व और उसके गुण – दोष से परिचित होना होता है जिससे मशीन बना होता है|
आगे विज्ञान पे मेरी पोस्ट जारी रहेंगे, आप सभी से अनुरोध है मेरी गलतिओं पे प्रकाश जरुर दीजियेगा, क्यूंकि यहाँ विज्ञान से तकनीक और तकनीक से विज्ञान में भटकते देर नही लगती ( जैसा कि मैंने उपरोक्त वाक्यों में कहा है )|
वैसे तो बहुत सी बातें हैं परन्तु मेरी पहली पोस्ट मेरे विचार के लिए इतना ही......!!
7 comments:
स्वागत है आपका.
आपको विज्ञानं और तकनीक में अंतर बताने कि क्या आवश्यकता महसूस हुई निशांत जी ये तो मुझे नहीं पता पर मुझे तो नहीं लगा था कि कोई इनदोनों में भी अंतर समझता होगा.अगर विज्ञानं एक पूरा वृक्ष है तो तकनीक उसका एक फल मात्र.
Anek shubhkamnayen!
Anek shubhkamnayen!
awyaleek ji,
मैंने भी वही लिखा है!!
कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो
ये धन के पुजारी
वतन बेंच देगें।
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